उसे - मुझे...

इश्क़ थोड़ी फुर्सत दे मुझे,
उसको हाँ कहने की हिम्मत दे मुझे

बस उसकी खुशी के लिए,
पश्चिम को पूरब कहने दे मुझे

उस जुल्फ़ की लहरों के लिए,
एक डोर की पतवार दे मुझे

अब और कितना जाहिर करूँ,
मेरे वज़न का इल्तिला दे उसे

हवा तुझे तो अभी कोई बंधन नई,
जा मेरे लिए चूमकर आ उसे

चल इस जनम में न सही ख़ुदा,
अगली बार सिर्फ़ उसका बना मुझे


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