अपनी सी हो गई थी वो...
अपनी सी हो गई थी वो
बस खुली न होती ये नींद भरी आँखे,
साँसे थम जाओ जरा
उन्हें दिल का रास्ता तो पार करने दो |
कैसे लाये उन्हें हम अपने आशियाँ तक,
उन्होंने तो रस्ते का मजाक बना रखा है |
अभी शायरी में आजमा रहा हूं उसे,
रहमत हुई तो अपनाऊँगा उसे |
No comments:
Post a Comment
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
No comments:
Post a Comment