न्योता-ए-इश्क़
न्योता-ए-इश्क़ आँखों से रवाना कर दिया है,
इशारा-ए-शगुन अभी आना तो बाकी है |
वो सावली आँखे हमेशा कुछ कहती रहती हैं,
और इधर से अभी जताना तक बाकी है |
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