दिल दूसरी ओर जाने लगा था,
पर्दे के पीछे से कोई बुलाने लगा था
सोफ़े पे उसने एक कुशन ओढ़ाया था,
मैं सोने गया तो उसका ही गीत सुनाने लगा था
उस चादर का इश्क भी काफी हसीन था,
सिलवटों में भी उसको दोहराने लगा था
किसी कहने-सुनने से कहा फर्क़ पड़ता था,
पर 'जी और कहिए' लहजा ज़रा भाने लगा था।
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