अभी तो जरा-सा हूँ मैं,
हाशिये के बाईं तरफ का हूँ मैं |
इश्क़ तो बेपनाह है तुझसे,
पर परिस्थितियों से डरता रहा हूँ मैं |
गजब की शक्तियाँ हैं उसमें,
महीनों से उसके यारों को खुश देख रहा हूँ मैं |
अँधेरे में इतना ऊजाला !!!
माहौल में लंदन देख रहा हूँ मैं |
तू तनिक दूर है फिर भी सूकून है,
पास आ के दूर हुई तो,
ज़िंदा तो रहूँगा
मगर न जाने कौन से जतन-ए-दिल करता रहूँगा मैं ???
गजब की शक्तियाँ हैं उसमें,
महीनों से उसके यारों को खुश देख रहा हूँ मैं |
अँधेरे में इतना ऊजाला !!!
माहौल में लंदन देख रहा हूँ मैं |
तू तनिक दूर है फिर भी सूकून है,
पास आ के दूर हुई तो,
ज़िंदा तो रहूँगा
मगर न जाने कौन से जतन-ए-दिल करता रहूँगा मैं ???
Nice
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