बारिश...

वो अभी रस्ते में है, 
बारिश को क्या ख़बर है |

भीगकर जो नशा मिलाया है उसने,
धरती को तो चक्कर आ रहे हैं |

हवा ख़ुद एक सदरी उड़ा लाई है,
कपकपे हाथ जो उसने एक साथ बांधे हैं |

बहुत गुरुर था पानी को पारदर्शी होने पे,
हम तो बस एक शर्ट देखकर आ रहें हैं |   

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